अजीब है ना!

mothers flowers
१०० रूपिये का नोट बहोत ज़्यादा लगता है जब “गरीब को देना हो”, मगर होटल में बैठे हो तो बहुत कम लगता है.... 

३ मिनट भगवान को याद करना बहोत मुश्किल है, मगर ३ घंटेकी पिक्चर फिल्म देखना बहोत आसान....... 


पूरे दिन मेहनतके बाद जिम जाना नहीं थकाता, मगर जब अपनेही माँ-बापके पैर दबाने हो तो लोग तंग आ जाते है..... 


वैलेंटाइन डे को २०० रूपियोंका बुके ले जाएंगे, पर मदर डे को १ गुलाब अपनी माँ को नहीं देंगे....... 


इस Post को Share करना बहुत मुश्किल लगता है, जब की फिजूल जोक्सको Share करना हमारा फर्ज़ बन जाता है....
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इस पे जरा सोचियेगा या दुबारा पढ़िएगा।

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